काबुल एयरपोर्ट UAE को सौंपने के लिए तैयार हो गया तालिबान, समझौते के तुरंत बाद उड़ानें शुरू

तालिबान और संयुक्त अरब अमीरात के बीच समझौते के बाद तालिबान, अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे सहित कई अन्य उपक्रमों को चलाने के लिए खाड़ी देश के साथ एक समझौते के लिए तैयार हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस एक समझौते से इस्लामी आतंकियों को बाहरी दुनिया से अपने अलगाव को कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि वे सूखे, व्यापक भूख और आर्थिक संकट से घिरे एक गरीब देश पर शासन कर रहे हैं.

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यह सौदा अफगानिस्तान के नए शासकों के प्रभाव के लिए कतर के साथ अपने राजनयिक संघर्ष में अबू धाबी को भी जीत दिलाएगा. तालिबान ने कतर और तुर्की सहित क्षेत्रीय शक्तियों को काबुल हवाई अड्डे को संचालित करने के लिए तैयार है. दुनिया के साथ अफगानिस्तान के अन्य मुख्य हवाई संपर्क को बंद कर दिया है. तालिबान, जिसकी सरकार को अबतक अंतरराष्ट्रीय औपचारिक मान्यता नहीं मिली है, उसे अब अपना हवाई अड्डा यूएई को सौंपना होगा.

सूत्रों ने कहा कि महीनों की बातचीत के बाद अब एक बिंदु पर UAE-तुर्की-कतर सौदे की संभावना को बढ़ाते हुए, तालिबान पूरी तरह से संयुक्त अरब अमीरात को काबुल हवाई अड्डे का संचालन सौंपने के लिए तैयार है, जिसे पहले अफगानिस्तान चलाता था. UAE के साथ समझौते के तहत अफगानों को सुरक्षा भूमिकाओं सहित हवाई अड्डों पर नियुक्त किया जाएगा. एक ऐसा मानदंड जो तालिबान के लिए महत्वपूर्ण था, जो विदेशी बलों की उपस्थिति का कट्टर विरोध करते हैं.

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उन्होंने कहा कि अमीराती राज्य से जुड़ा एक ठेकेदार भी सुरक्षा सेवाएं देगा, जबकि अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र के प्रबंधन पर बातचीत जारी है. अमीराती राज्य से जुड़े GAAC, जो तालिबान के अधिग्रहण से पहले अफगान हवाई अड्डों पर सुरक्षा और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं को चलाने में शामिल थे, उनको तालिबान अधिकारियों द्वारा अबूधाबी का दौरा करने के तुरंत बाद मई में ग्राउंड हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट से सम्मानित किया गया था. तालिबान के साथ कतर और तुर्की की संयुक्त वार्ता लगभग उसी समय टूट गई थी और रॉयटर्स द्वारा संपर्क किए जाने पर अमीरात के अधिकारियों ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की थी.

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GAAC ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब भी नहीं दिया था. तालिबान परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता ने खुलासा करते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक विमानन सुरक्षा अनुबंध पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, लेकिन कहा कि हवाई यातायात अनुबंध को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. यूएई एयरलाइंस ने, जो पिछले साल तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान के लिए अबतक उड़ान नहीं भरी थी, से सौदे को अंतिम रूप देने के बाद काबुल और संभवतः अन्य अफगान हवाई अड्डों के लिए उड़ानें फिर से शुरू करने की उम्मीद है.

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