UAE में निकली ‘सैंडविच मेकर’ की Job !

UAE में निकली ‘सैंडविच मेकर’ की जॉब, नौकरी का विज्ञापन देख बुरा मान गए अमीराती !

बताएँगे आपको पूरा मामला,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अस्सलाम अलैकुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मैं अंदलीब अख्तर और आप देख रहे हैं UAE Khabar !

संयुक्त अरब अमीरात में एक वेकेंसी आई है। नौकरी के विज्ञापन में यूएई के नागरिकों को ‘सैंडविच मेकर’ जॉब के लिए आवेदन करने को कहा जा रहा है। लेकिन इस विज्ञापन को लेकर देश में विवाद खड़ा हो गया है और यूएई ने ‘विवादास्पद’ विज्ञापन की जांच शुरू कर दी है। यूएई के नागरिकों ने इसे ‘अपमान’ के तौर पर लिया है और इस पर नाराजगी जताई है। यूएई पब्लिक प्रॉसिक्यूशन ने हाल ही में घोषणा की कि कंपनी के सीईओ से पूछताछ की योजना बनाई गई है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि विज्ञापन किस कंपनी की तरफ से निकाला गया है। लेकिन कमल जामजूम ग्रुप ने कहा कि उन्होंने यूएई के नागरिकों को नौकरी देकर ‘स्थानीय नौकरियों’ के लिए यूएई के अभियान का समर्थन करने के लिए सबवे फास्ट फूड चेन की ओर से यह विज्ञापन किया था। पब्लिक प्रॉसिक्यूशन ने दावा किया कि विज्ञापन ने अमीरात के नियमों और मीडिया कंटेंट मानकों का उल्लंघन किया है क्योंकि इसका कंटेंट ‘विवादास्पद’ है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कंटेंट में ‘विवादास्पद’ क्या है।

यूएई ने प्राइवेट सेक्टर्स के कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए एक नया कानून बनाया है. इस कानून के तहत नियोक्ता को नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट में ही तमाम जानकारी कर्मचारी से साझा करनी होगी. यूएई के इस कदम से विदेशी कामगारों को देश में आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है ! UAE की कुल आबादी में अभी 40% भारतीय हैं. अबू धाबी में भारतीय दूतावास के मुताबिक, यूएई में 35 लाख भारतीय रहते हैं. इनमें से बड़ा हिस्सा प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में काम करता है. नए कानून के लागू होने से भारतीय कामगारों को राहत की उम्मीद है.

अब श्रमिकों के अधिकारों के लिए 2021 का संघीय डिक्री कानून संख्या 33 लागू हो चुका है. पहले श्रमिकों के लिए 1980 का संघीय कानून संख्या 8 काम करता था. इस संशोधित कानून के तहत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं के बीच संबंधों के अलग-अलग पहलुओं की व्याख्या की गई है.

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वैसे अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, यूएई के प्राइवेट सेक्टर में 90 फीसदी प्रवासी लेबर काम करते हैं। वहीं ज्यादातर अमीराती देश के पब्लिक सेक्टर में कार्यरत हैं। सोशल मीडिया पर कई अमीराती की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि ‘सैंडविच मेकर’ की नौकरी को वह ‘छोटा’ समझ रहे थे। कुछ ने इसे यूएई नागरिकों का ‘मजाक’ और ‘अपमान’ तक बता दिया। अमीराती सरकार के पूर्व अधिकारी सुल्तान अल्मोथेन ने दावा किया कि विज्ञापन ‘स्थानीय लोगों पर हमला था’।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस तरह की नौकरियों की पेशकश हमारे खिलाफ कुछ प्रवासियों की नफरत और ईर्ष्या का सबूत है। हमारा देश उनके लिए अच्छा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से, हम हमेशा अपने देश और नेताओं पर हमले देखते हैं। इस तरह की नौकरियों को स्थानीय लोगों पर हमला माना जाता है।’ वहीं एक अमीराती फोटोग्राफर ने कहा कि सैंडविच मेकर जैसी ‘अपमानजनक नौकरियों’ की पेशकश करने से पहले अमीरातियों को कुछ वरिष्ठ पदों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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