दुबई में रहने वाले भारतीयों प्रवासियों को कहीं अपनी नौकरी से हाथ न धोना न पड़े इसका खतरा तेज़ी से मंडराने लगा है. क्यूंकि दुबई में एक ऐसा म्यूजियम बना है जिसका नाम ‘The Museum of Future’ है ! इसी म्यूजियम के चलते रोज़गार व नौकरी पर बुरा असर पड़ने की झलक साफ़ दिखने लगी है. अब आप सोच रहे होंगे कि भला किसी म्यूजियम के बनने से कैसे किसी की नौकरी खतरे में पड़ सकती है.
दुबई में बना The Museum of Future दुनिया का इकलौता ऐसा म्यूजियम है, जो भविष्य और संभावनाओं की बात करता है। अब ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ ने हाल ही में सबसे उन्नत ह्यूमनॉइड रोबोट (humanoid robot) का इस्तेमाल शुरू किया है और यहाँ तक कि इसे अपने कर्मचारियों के दल में भी शामिल कर लिया है। इस रोबोट का नाम अमेका (Ameca) !
अमेका रोबोट कर्मचारी के साथ बातचीत भी करने लगे हैं. उम्मीद है ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ की अगली यात्रा पर लोग अमेका से मिल सकेंगे। चार दिन पहले म्यूजियम ऑफ फ्यूचर के आधिकारिक इंस्टाग्राम और ट्विटर पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें अमेका को म्यूजियम के एक कर्मचारी जिसका नाम आया है, उसके साथ उसी की भाषा में बात करते हुए देखा जा सकता है।
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म्यूजियम ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘दुनिया का सबसे उन्नत ह्यूमनॉइड रोबोट अमेका म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर टीम में शामिल हो गया है।’ इस वीडियो को देख के लोग बेहद हैरानी जता रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि यदि 2022 में ऐसा रोबोट बनाया जा सकता है तो भविष्य में 2071 तक आते-आते इस दुनिया में कैसे असाधारण क्षमता वाले रोबोट बन जाएंगे। वहीं कुछ लोगों को आशंका है कि यदि इन रोबोट्स को होटल, अस्पताल या म्यूजियम जैसी जगहों पर इस्तेमाल करने की छूट दी गई तो इससे कई लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा।
म्यूजियम के robots को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि कि दुनिया में पहले से ही बेरोजगारी चरम पर ऐसे में इनका सीमित इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है। रोबोट अमेका अपने आप में कई खूबियां समेटी हुई रोबोट है। कई भाषाएं बोलने वाली अमेका लोगों से आम लोगों की तरह बात कर सकती है, उनका अभिवादन कर सकती है, उन्हें दिशा-निर्देश दे सकती है। अमेका को रोबोट का फ्यूचर फेस भी कहा जाता है। इस रोबोट की सबसे खास बात इसका आम मनुष्यों की तरह एक्सप्रेशन देना है। जानकारी के मुताबिक ये अरब देश अगले साल ऐसे रोबोट को कई जगहों पर तैनात करने वाला है।
बता दे कि म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ को इसी साल फरवरी में आम जनता के लिए खोला गया था। 7 मंजिला इमारत वाला यह म्यूजियम दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक है। इस म्यूजियम को भविष्य के प्रयोगों का म्यूजियम कहा जा सकता है। डेटा विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल और उससे भी आगे की रियलिटी के अलावा मानव-मशीन के बीच बातचीत की आधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए यह लेबोरेटरी के रूप में काम कर रहा है।
यह म्यूजियम विजिटर्स को स्पेशल मिशनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। यह इनोवेशन के लिए आइडिया की बात भी करता है और आम सोच से बहुत दूर भविष्य में ले जाता है। 7 साल में तैयार इस म्यूजियम की लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपए है और नेशनल ज्योग्राफिक ने इसे धरती के 14 सबसे खूबसूरत म्यूजियम का स्थान दिया है.