हर कोई अच्छी कमाई करना चाहता है. रोज़ी-रोटी के चक्कर में लोग अपने परिवारों से मीलों दूर रहकर उनके लिए कमाई का जरिया बनते हैं. उन्ही में शामिल हैं भारतीय भी. सऊदी अरब में भारतीय कामगारों की लाइन लगी पड़ी है. लोग कई तरह के पेशे से जुड़े हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. इन्ही में से एक है अरबाज़ खान।
अरबाज़ खान रोज़ी-रोटी कमाने सऊदी अरब गया था. मगर लॉक डाउन लगने के बाद जब घर वापस लौटने में नाकाम रहा तो उसने अपनी जान दे दी. जान गवाने से पहले उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर गंभीर बातें लिख दी थी. उसने फेसबुक पेज पर ‘आज मेरी अंतिम रात है’ लिखकर फंदे पर झूल गया। हज़ारों मील दूर होने के चलते परिवार वाले, रिश्तेदार और दोस्त उसे चाहकर भी बचा नहीं पाए।
बता दे कि 19 साल का युवक अरबाज़ उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले के छावनी प्रतापगढ़ गांव का रहने वाला था। परिवार की बेरोज़गारी को दूर करने के लिए कोरोना काल से पहले ही सऊदी गया था. अरबाज़ को सऊदी अरब-कुवैत बार्डर पर वाहन चलाने का काम मिला हुआ था। इसी बीच अचानक कोरोना वायरस महामारी ने इतनी तेज़ पांव पसारा की दुनिया भर के देशों में लॉक डाउन लगा दिया गया। ऐसे में अरबाज़ समेत लाखों भारतीय विदेशों में फंस गए और डिप्रेशन में चला गया.
उसने अपने पेज पर कुछ ऐसा लिखा था “हेलो भाई लोगों कैसे हैं, अससलाम वालेकुम और भाई लोग कैसे हो सब ठीक है आज मेरा अंतिम रात है मैं जा रहा हूं दुनिया छोड़ के भाई लोग, अस्सलाम वालेकुम, दुआओं में याद रखना। उसका ये पोस्ट पढने के बाद लोगों ने उसे रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन अरबाज ने किसी की नहीं सुनी।