सऊदी अरब में सर कलम करने का प्रवधान कानून शुरुआती दौर से चलते आ रहा है. किंगडम का सख्त कानून पूरी दुनिया में मशहूर है. वहीँ एक खबर है कि सऊदी में दो भारतीयों का सिर कलम कर दिया गया है, जो पंजाब के रहने वाले थे और वर्क परमिट पर सऊदी में काम करते थे.
इसकी पुष्टि करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि होशियारपुर के सतविंदर और लुधियाना के हरजीत सिंह को 28 फ़रवरी को मौत की सज़ा दी गई. सतविंदर की पत्नी सीमा ने बताया, “हमारी आख़िरी बार 21 फ़रवरी को बात हुई थी और उस समय मेरे पति को मिलने वाली सज़ा के बारे में कुछ भी पता नहीं था.” 13 साल की एक बेटी की मां सीमा कहती हैं, “अभी तक सरकार की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और न ही किसी अधिकारी ने कोई बात की. कुछ लड़कों ने जब बताया तो हमने ख़ुद ईमेल मंगाया.”
हालांकि सतविंदर सिंह और हरजीत सिंह को 28 फ़रवरी को ही मौत की सज़ा दे दी गई थी. सीमा रानी ने कहा कि ‘दो साल तक चिट्ठी आती रही और फ़ोन पर बात होती रही लेकिन अचानक बातचीत बंद हो गई. जब कई महीने बीत गए तो गांव के ही एक किसी ने बताया कि वो किसी मामले में जेल में बंद हैं.’
सीमा के वकील विजय का कहना है कि 28 फ़रवरी को जेल से ही किसी का फ़ोन आया और उसने कहा कि ‘सतविंदर को मौत की सज़ा दे दी गई है.’
दोनों सऊदी अरब में ड्राइवर थे और उन्हें 28 फ़रवरी को मौत की सज़ा दी जा चुकी है. साल 2013 में होशियारपुर के सतविंदर कुमार और लुधियाना के हरजीत सिंह वर्क परमिट पर सऊदी अरब गए थे.सतविंदर का परिवार होशियारपुर में दासुया के पास एक गांव में रहता है. दोनों को दिसंबर 2015 में गिरफ़्तार किया गया था. मंत्रालय ने कहा है कि कुछ समय बाद शराब पीने और झगड़ा करने के आरोप में दोनों गिरफ़्तार हो गए और उन्हें दम्माम में रखा गया था. बाद में उनपर हत्या करने का भी पता चलता है.
“पैसे के बँटवारे को लेकर कथित रूप से उनमें झगड़ा हुआ था=. हरजीत और सतविंदर ने आरिफ़ की हत्या कर दी और शव को रेगिस्तान में फेंक दिया.” पूछताछ के दौरान दोनों ने अपने अपराध कबूल कर लिए थे.” वैसे जानकारी के लिए आपको बता दे कि ये घटना साल 2019 की है और सऊदी अरब में सजाये मौत नाबालिगों को देने का कानून अब सऊदी अरब प्रिंस ने हटा दिया गया है.