भारत से सऊदी अरब जाकर काम करने के नाम पर एक बार से एक युवक फंस गया. हरचंदेड़ा के सोहनलाल को सऊदी अरब से मुक्त कराए जाने की मांग की जा रही है और ये मांग व गुहार उनके बेटे लोकेश बैरवा ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर की है. विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता में लगे बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा, सोहनलाल के बेटे को लेकर राष्ट्रपति भवन को प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे और वहां नियुक्त अधिकारियों को ज्ञापन दिया.
शर्मा ने कहा कि 31 भारतीय नागरिकों के जीवन से जुड़े हुए संवेदनशील विषय पर 5 महीने बाद भी भारत सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई. दूसरी ओर से सोहनलाल के बेटे लोकेश ने विदेश मंत्रालय जाकर वहां ज्ञापन देकर सोहनलाल बैरवा की बिमारी का हवाला देकर पिता सहित सउदी अरब में फंसे सभी 31 भारतीय नागरिकों की भारत वापसी को लेकर जल्द कार्यवाही की मांग रखी.
सऊदी अरब में मकान निर्माण के काम में लगे सोहनलाल सहित बाकी मजदूरो का दो साल पहले वहां की अलजहरानी कंपनी ने वीजा रिनुअल नहीं करवाया। जिससे उनका वहां का वैध दस्तावेज इकामा खत्म होने से भारतीयों नागरिकों समेत 35 लोगों को अवैध नागरिक बना कर उनसे दो साल तक बंधुआ मजदूरी करवाई गई। जब सभी ने वीजा रिनुअल करवाकर इकामा बनवाने व परिवार के पास स्वदेश भेजने की कंपनी से मांग रखी तो कंपनी ने 25 भारतीयों समेत 35 मजदूरों को जबरन सऊदी अरब के यंबू में बंधक बना लिया.
लोकेश ने बताया कि उसके पिता पांच साल से ज्यादा समय से वहां मकान निर्माण के काम में हैल्पर का काम कर रहे थे।
सोहनलाल बैरवा को इस वर्ष 15 मई को गंभीर स्थिति में यंबू के सरकारी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। 88 दिन तक चिकित्सालय में भर्ती रहने के बाद सोहनलाल बैरवा को चिकित्सालय से तो छुट्टी दी गयी लेकिन कंपनी ने इलाज का खर्चा नहीं उठाया और उनकी हालत एक बार फिर लगातार बिगड़ती जा रही है.