सऊदी अरब में एक युवा लड़के ‘मुस्तफा अल दरवेश’ जिसकी उम्र 26 साल थी उसे मौत की सजा दे दी गयी. सऊदी सरकार लगातार वैश्विक समुदाय से कह रही थी कि अब वो उन लोगों को मौत की सजा नहीं देगा, जिन्होंने नाबालिग अवस्था में किसी अपराध को अंजाम दिया हो, लेकिन मुस्तफा अल-दरविश पर सऊदी सरकार ने कोई रहम नहीं की और उसे फांसी पर लटका दिया गया।
#Saudi Arabia executes Mustafa al-Darwish for participating in protests when he was 17. His family weren’t informed – they found out that their son was executed by reading the news online.. https://t.co/vVYl2r3xdR
— Maryam Alkhawaja (@MARYAMALKHAWAJA) June 15, 2021
जानिए क्या थी असल सच्चाई, अल-दरविश को फांसी की सजा
दरअसल इस युवक की गलती या गुनाह कहे, ये थी कि इसने फोन पर आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड कर दी थी. जनता सऊदी सरकार से मांग करने लगे कि इस युवक सजाये मौत दी जाए. बहुत लोगों ने फांसी की सजा से बचाने की भी कोशिश की मगर ये मुमकिन न हो सका. सऊदी अरब सरकार ने किसी की भी बात नहीं मानी और रिपोर्ट के मुताबिक 26 साल के लड़के को मौत की सजा दे दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक 26 वर्षीय मुस्तफा अल-दरविश को फांसी की सजा सिर्फ इसलिए दी गई है, क्योंकि उसने अपने फोन में सरकार के खिलाफ किए गये विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को रखा था, जो सऊदी सरकार के लिए आपत्तिजनक था।
सऊदी सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया
रिपोर्ट के मुताबिक मुस्तफा अल-दरविश ने 2011-2012 में सऊदी सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 17 साल थी। दरअसल, 2011-12 में सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत में शिया मुस्लिमों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और 2015 में उसे सऊदी सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। मानवाधिकार संगठनों ने भी सऊदी सरकार से मुस्तफा अल-दरविश को माफ कर देने की अपील की, लेकिन सऊदी सरकार ने किसी की भी बात नहीं मानी। दरअसल ये खबर आज से एक साल पहले 2021 की है. सऊदी किंगडम में खबरें ये भी आयी थी कि अब सऊदी सरकार अपने देश में मौत की सजा को खत्म कर चूका है मगर ऐसा नहीं हुआ.