सऊदी अरब ने पिछले कुछ सालों में तब्दीलियां की हैं. एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम भी इसी कवायद का हिस्सा है. महिलाओं को महज चार साल पहले कार चलाने की अनुमति देने वाले सऊदी अरब अब अंतरिक्ष में पहली महिला भेजने की तैयारी में है. सऊदी अरब किंगडम ने बृहस्पतिवार को अपना पहला अंतरिक्ष यात्रा कार्यक्रम लॉन्च किया.
एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम को लांच करने का मकसद क्या है
इस एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम को लांच करने का मकसद सऊदी नागरिकों के लंबी और छोटी दूरी की स्पेस फ्लाइट्स के लिए प्रशिक्षित करना है. किंगडम के महत्वाकांक्षी विजन 2030 के तहत इस प्रोग्राम में एक महिला अंतरिक्ष में जा रही है जिसे अभी से ही ट्रेंड किया जा रहा है. इसे सऊदी अरब की नीति में बहुत बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, जहां महिलाओं को शरीयत के नियमों के तहत कड़े प्रतिबंधों में रखा जाता है.
सऊदी महिला का स्पेस मिशन में होना एक ऐतिहासिक पहल
एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम विजन 2030 का हिस्सा है. इसमें प्रशिक्षण ले रहे एस्ट्रोनॉट्स में से एक सऊदी महिला है, जिसका स्पेस मिशन में होना किंगडम की एक ऐतिहासिक पहल को दिखाएगा. हालांकि सऊदी स्पेस कमीशन ने प्रशिक्षण के लिए चुनी गई महिला का ब्योरा देने से इनकार कर दिया है. अरब देश ने अपनी नेशनल स्पेस स्ट्रेटजी भी घोषित करने की योजना बनाई है. इसके अगले कुछ महीनों में लॉन्च कर दिया जायेगा.