सऊदी अरब में अब महिलाओं को बहुत हद तक आज़ादी दे दी गयी है. जब से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सुधार का कार्यक्रम शुरू किया तब से उसका सीधा फायदा महिलाओं को मिलने लगा. सऊदी अरब ने साल 2019 में प्रिंसेज रीमा बिंत बंदर बिंत सुल्तान बिन अब्दुलअजीज अल सौद को अमेरिका में अपना राजदूत नियुक्त कर बदलाव की तरफ इशारा कर दिया था। प्रिंसेज रीमा पहली महिला राजदूत हैं जो राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ा रही हैं.
सऊदी महिलाओं को सरकार में सीनियर पोजिशंस
हाल ही में सऊदी अरब ने दो महिलाओं को सरकार में सीनियर पोजिशंस से नवाजा है. पुरुष कर्मियों के दबदबे वाले सऊदी में शिहाना अलाजजाज को सऊदी कैबिनेट में डिप्टी सेक्रेटरी का पद दिया गया। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। इसके अलावा राजकुमारी हाइफा बिंत मोहम्मद अल सौद को देश का डिप्टी टूरिज्म मंत्री बनाया गया। इस नई खबर के साथ ही सऊदी अरब ने साबित कर दिया कि अब महिलाओं को प्रतिबंधों में नहीं रहना होगा।
अरामको की एग्जिक्यूटिव रहीं शाहेला अलरोवाइली को सेंट्रल बैंक के बोर्ड में जगह मिली
सरकार की योजना है कि निजी सेक्टर में भी देशवासियों की भागीदारी बढ़ाई जाए। पिछले कुछ सालों में महिला ड्राइवरों पर से प्रतिबंध हटाया है. इसी साल जून में इस देश में अरामको की एग्जिक्यूटिव रहीं शाहेला अलरोवाइली को सेंट्रल बैंक के बोर्ड में जगह मिली थी. कई ऐसे सुधारों को लागू किया गया जिनके बारे में कभी कल्पना तक नहीं की गई थी। इन सुधारों में महिला सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
गर्भवती महिलाओं को भी काम से नहीं हटाया जायेगा
जो सुधार सऊदी अरब में लागू किए गए हैं उनके तहत अब महिलाएं अपने पसंद के घर में रह सकती हैं. अब गर्भवती महिलाओं को भी काम से हटाया नहीं जा सकता है। उन्हें पेंशन में समानता दी जाएगी और साथ ही मैटरनिटी लीव्स में भी सुविधाएं मिलेंगी। सऊदी अरब में 60 लाख महिलाओं को इन सुधारों से फायदा मिलने लगा है। 21 साल और इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं के अलावा आने वाली पीढ़ियों को भी इससे फायदा होने वाला है।