सऊदी अरब में फंसे भारतीयों की आये दिन खबर आते रहती है. उज्जवल भविष्य के भारत के नागरिक सऊदी जाते हैं मगर बहुत बार उनके साथ धोखा हो जाता है. वैसा ही एक नौजवान अपने सपने संजोए सऊदी अरब कमाने गया था, जहां उसे रियाद शहर के एक शेख ने अपना गुलाम बना लिया। सैलरी तो दूर की बात खाना तक नसीब नहीं होता है.
परिवार का सहारा रहे युवक को सऊदी अरब में गुलाम बनाने की खबर से परेशान बूढ़े पिता को लकवा मार गया. करौंदी कला थाना क्षेत्र के बहाउद्दीनपुर निवासी राकेश निषाद 15 अप्रैल 2015 को वर्क वीजा पर सऊदी अरब गया था। जहां उसे रियाद शहर के सोलाई इलाके की एक गैराज में मैकेनिक की नौकरी मिली थी। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन जब 2 साल बाद उसने गैराज मालिक अब्दुल लतीफ गहतानी से बकाया पैसे मांगे तो आनाकानी करने लगा।
अक्टूबर 2017 के बाद से उसने सैलरी देना बंद कर दिया। जब राकेश ने इसका विरोध किया तो उसने उसे मारपीट कर बंधक बना लिया। फिर अन्य कर्मियों के सहयोग से किसी तरह वह जान बचाकर भाग निकला। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने पासपोर्ट बनवाकर राकेश को भारत भेजने के लिए एयरपोर्ट भेजा। जहां से शेख उसे दोबारा पकड़ ले गया. फिर चोरी से फोन कर उसने परिवार वालों को पूरा मामला बताया। राकेश के मुताबिक उससे गुलामों की तरह काम लिया जा रहा है और पैसे मांगने पर पिटाई की जाती है।
राकेश के रिश्तेदारों ने सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी से सऊदी अरब में गुलाम बने राकेश को भारत लाने की गुहार लगाई। जिस पर उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा। लेकिन कोई खास परिणाम नहीं आया। बता दे कि ये खबर साल 2018 की है अब तक राकेश भारत लौट आया है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है.