उत्तरप्रदेश का रहने वाला एक युवक सऊदी अरब में बुरे तरीके से फंस गया. ड्राइवर की नौकरी देने के नाम पर उससे नौकरों वाले काम करवाए गए. एजेंट ने उसे लम्बे झांसे में फंसाया और ड्राइवर के जॉब के बदले बकरियां चराने के काम पर रख दिया। बता दे कि युवक UP के बाराबंकी के गांव पिपरौली का निवासी था.
युवक न नाम संदीप कुमार बताया गया. उसने खुद अपने मुँह से सारी सच्चाई बताते हुए कहा कि लकड़ी काटने और उन्हें उठाकर लाने के लिए कहा जाता है। मना करता हूं तो पिटाई की जाती है। खाना तक नहीं दिया जाता। घर के बाहर सुला दिया जाता है। पहाड़ी इलाका होने की वजह से बिच्छू तक घूमते रहते हैं। मैंने घर वापस जाने की बात कही तो मुझसे ही 5000 रियाल (85,367 रुपये) देने के लिए कहा जाता है।’
करीब 28 वर्ष का संदीप जिसका पासपोर्ट संख्या एन8899925 है उसने सऊदी अरब के रियाद शहर से करीब 120 किमी दूर अल कोवायीयाह (मक्का अल मुकर्रमह रोड) में फंसा हुआ था. सऊदी अरब से किसी तरह उसने एक सूत्र से संपर्क कर अपनी मुश्किल बताई। उसके पास इतना पैसा भी नहीं कि वह वापस आ सके। जहां उसे रखा गया है, वहां आसपास खाना खाने के लिए कोई होटल तक नहीं है।
वापस जाने के लिए इकामा साइन करके देने के लिए मुझसे ही 5000 रियाल मांगे गए हैं, लेकिन मेरा पास कोई पैसा नहीं है। संदीप का कहना है कि उसके पिता पिपरौली में किसान हैं। अच्छी नौकरी की उम्मीद में सऊदी अरब आया था। गांव के ही रहने वाले एजेंट ग्यास अहमद ने लखनऊ की एजेंट कंपनी लियो एंटरप्राइजेज के जरिए उसे सऊदी अरब भिजवाया। 1300 रियाल (करीब 29,000 रुपये) में ड्राइवर की नौकरी तय हुई थी। इसके अलावा, रहने-खाने के लिए भी नियोक्ता को ही देना था। अब तो सैलरी भी नहीं दी जाती। कफील का पता भी काम दिलाने वाले एजेंट को ही मालूम है। संदीप ने बताया कि उसने अपनी मुश्किल भारतीय दूतावास को बताई। यह खबर साल 2017 की है संदीप भारत वापस आया या नहीं इसकी कोई सुचना नहीं है.