Quran Sharif : मुस्लिम धर्म यानी इस्लाम के लिए कुरान शरीफ एक सबसे पाक किताब है और इस पाक किताब की इस तरह बेहुर्मति करना बिलकुल किसी भी मुस्लिम के लिए असहनीय है, इसलिए कुरआन Quran Sharif को जलाये जाने पर क़तर, सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों की प्रतिक्रियां आ रही हैं.
‘स्ट्रैम कुर्स रासमस पलुदान’ ने Quran Sharif को जलाया
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद स्वीडन और फ़िनलैंड ने नेटो सदस्यता के लिए आवेदन किया है. इसी वजह से स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता तुर्की के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जी हाँ स्वीडन नाटो में शामिल होने की कोशिश कर रहा है. इसको लेकर तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो से रिलेटेड मुद्दा विवाद प्रदर्शनों से जुड़ गया. इसी दौरान तुर्की स्वीडन के नाटो में शामिल होने को लेकर विरोध कर रहा है. विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तुर्की दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया. इसी प्रदर्शन के दौरान धुर दक्षिणपंथी डेनिश राजनीतिक पार्टी के नेता स्ट्रैम कुर्स रासमस पलुदान ने Quran Sharif कुरान को जला दिया.
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Quran Sharif मामले पर पाकिस्तान की कड़ी निंदा
वहीँ इसका जवाब देते हुए तुर्की के कुछ समर्थकों ने स्वीडन के राष्ट्रीय ध्वज को जला दिया. मुस्लिम धर्म के लिए कुरान सबसे पाक किताब की वजह से स्वीडन के विरोध में दुनिया भर के मुस्लिम देशों ने प्रतिक्रिया दर्ज करवाई है. पाकिस्तान ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के काम मुस्लिम लोगों के धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुंचाता है. इस तरह की चीजें फ्रीडम ऑफ स्पीच के अधिकार में नहीं आती है. फ्रीडम ऑफ स्पीच में बहुत सारी चीजें इंटरनेशनल हू मिटेरियन से जुड़ी हुई होती है. इस्लाम शांति का धर्म है और हम दुनिया में जितने लोग मुस्लिम से अलग धर्म से जुड़ें हुए हैं, उनका आदर और सम्मान करते हैं.
Quran Sharif मामले पर TURKEY की कड़ी निंदा
वहीँ तुर्की ने निंदा करते हुए कहा कि “हमारी बार-बार की चेतावनी के बावजूद 21 जनवरी को स्वीडन में हमारे पवित्र ग्रंथ कुरान Quran Sharif पर हमला हुआ. हम इसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, फ्रीडम ऑफ स्पीच की स्वतंत्रता की आड़ में मुसलमानों को टारगेट करने और हमारे पवित्र मूल्यों का अपमान करने वाले इस इस्लाम विरोधी एक्ट की अनुमति देना पूरी तरह से गलत है.
Quran Sharif मामले पर Saudi arab की कड़ी निंदा
सऊदी अरब ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सऊदी अरब संवाद, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व के मूल्यों को फैलाने का अनुरोध करता है और नफरत और उग्रवाद को खारिज करता है.” वहीँ संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE ने कहा कि यह “मानव और नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के उल्लंघन में सुरक्षा और स्थिरता को अस्थिर करने के उद्देश्य से सभी प्रथाओं” के खिलाफ था.
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